Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
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बृहस्पतिदेव की कथा
अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी shiv chalisa in hindi व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
हनुमान चालीसा लिरिक्स
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन